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Yeshasvini Health Scheme :ग्रामीण आबादी के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में पहल
कर्नाटक की ग्रामीण आबादी के लिए स्वास्थ्य सेवा की पहुँच में सुधार करने हेतु, यशस्विनी स्वास्थ्य बीमा योजना (Yeshasvini Health Scheme) में बड़े बदलाव प्रस्तावित किए गए हैं। एक विशेषज्ञ समिति ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को सिफारिशों के साथ रिपोर्ट सौंपी है जिसमें चिकित्सा प्रक्रियाओं की दरों में संशोधन की बात कही गई है।
सहकारी समितियों के सदस्यों के लिए पुनः शुरू की गई योजना:
यशस्विनी योजना को सहकारी समितियों और किसानों की मांग पर वर्ष 2017-18 में बंद होने के बाद राज्य बजट 2022-23 में फिर से शुरू किया गया है। यह योजना सहकारी समिति के सदस्यों के लिए विशेष रूप से बनाई गई है।
यशस्विनी स्वास्थ्य बीमा योजना(Yeshasvini Health Scheme) की संरचना और संचालन:
यशस्विनी ट्रस्ट का गठन और प्रबंधन-
इस योजना के सुचारू संचालन के लिए “यशस्विनी सहकारी सदस्य स्वास्थ्य सेवा ट्रस्ट” का गठन किया गया है। इसके प्रमुख सदस्य इस प्रकार हैं:
- मुख्य संरक्षक: माननीय मुख्यमंत्री
- संरक्षक: माननीय सहकारिता मंत्री
- अध्यक्ष: सहकारिता विभाग के प्रधान सचिव
- अन्य सदस्य: सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त, वरिष्ठ अधिकारी व चिकित्सक
योजना में कौन बन सकता है सदस्य?
सहकारी समिति (ग्रामीण/शहरी), स्वयं सहायता समूह, मछुआरे, बीड़ी श्रमिक, बुनकर जो कम से कम 3 महीने से सदस्य हैं, वे योजना में शामिल हो सकते हैं।
पारिवारिक कवरेज की परिभाषा
“परिवार” में शामिल हैं:
- मुख्य सदस्य
- माता-पिता
- जीवनसाथी
- बेटे व अविवाहित बेटियाँ
- बहुएँ व उनके बच्चे (पोते-पोतियाँ)
योजना के अंतर्गत लाभ और सुविधाएँ:
उपचार की अधिकतम सीमा और कैशलेस सुविधा:
प्रत्येक परिवार को ₹5 लाख तक का सालाना कैशलेस इलाज मिलेगा।
सदस्यों को एक यूनिक ID वाला कार्ड प्रदान किया जाएगा जिससे वे 2128 प्रक्रियाओं (1650 सामान्य और 478 ICU) का लाभ उठा सकते हैं
कवर की जाने वाली बीमारियाँ और विशेषताएँ:
इस योजना में निम्नलिखित बीमारियाँ शामिल हैं:-
- हृदय रोग
- ENT (नाक, कान, गला)
- गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोग
- न्यूरोलॉजिकल समस्याएँ
- नेत्र रोग
- अस्थि रोग
- स्त्री रोग आदि
यशस्विनी योजना की प्रगति और आँकड़े
जबरदस्त प्रतिक्रिया और आंकड़े-
मार्च 2025 तक योजना में 47 लाख से अधिक सदस्य नामांकित हुए, जो तय लक्ष्य 30 लाख से अधिक था।
1 जनवरी 2023 से 10 मार्च 2024 तक, 63,691 लाभार्थियों को ₹103 करोड़ का उपचार प्रदान किया गया।
योजना का उद्देश्य और सामाजिक प्रभाव
वित्तीय बोझ कम करने की पहल
यशस्विनी ट्रस्ट का उद्देश्य है सस्ती स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना और अस्पतालों में कैशलेस इलाज की सुविधा देकर ग्रामीण व सहकारी क्षेत्र के लोगों के जीवन में सुधार लाना।
पारिवारिक कवरेज की विशेष प्राथमिकता
यह योजना सुनिश्चित करती है कि केवल व्यक्ति नहीं, बल्कि उनका पूरा परिवार भी स्वास्थ्य सुरक्षा से लाभान्वित हो।
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यशस्विनी योजना का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य:(History of Yeshasvini Health Scheme )
योजना की शुरुआत और विकास
यशस्विनी सहकारी किसान स्वास्थ्य सेवा योजना की शुरुआत जून 2003 में हुई थी। यह देश की पहली PPP (Public Private Partnership) आधारित योजना थी जो सहकारी समितियों के माध्यम से ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा पर केंद्रित थी।
2014-15 में शहरी क्षेत्रों तक विस्तार
2014-15 में योजना का विस्तार शहरी सहकारी समितियों तक किया गया।
2018 में योजना का स्थानांतरण और बंद
2003-04 से 2016-17 तक योजना सहकारिता विभाग द्वारा चलाई गई। 1 जून 2018 से इसे स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग को सौंपा गया और बाद में बंद कर दिया गया।
जानिए यशस्विनी स्वास्थ्य योजना चर्चा में क्यों है?( Why Is Yeshasvini Health Scheme In News?)
कर्नाटक की ग्रामीण आबादी के लिए स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच को बेहतर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, यशस्विनी स्वास्थ्य बीमा योजना में बड़े बदलाव किए जाने की संभावना है। राज्य सरकार द्वारा नियुक्त एक विशेषज्ञ समिति ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें योजना के तहत कवर की जाने वाली चिकित्सा प्रक्रियाओं की दरों में पर्याप्त संशोधन की सिफारिश की गई है। यदि इसे लागू किया जाता है, तो यह बदलाव पूरे राज्य में लाभार्थियों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं दोनों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है।
यशस्विनी स्वास्थ्य योजना के लिए आवेदन कैसे करें?
अपने नजदीकी सहकारी समिति/बैंक में जाएँ।
निम्नलिखित आवश्यक दस्तावेज़ जमा करें:
आपका सक्रिय मोबाइल नंबर।
राशन कार्ड की प्रति।
प्रत्येक सदस्य का आधार कार्ड।
प्रत्येक सदस्य की दो पासपोर्ट आकार की तस्वीरें।
अनुसूचित जाति/जनजाति परिवार के प्रत्येक सदस्य के लिए आरडी नंबर के साथ जाति प्रमाण पत्र की प्रति।
निर्धारित वार्षिक सदस्यता शुल्क का भुगतान किया जाना चाहिए (एससी/एसटी व्यक्तियों द्वारा कोई शुल्क नहीं दिया जाना चाहिए)।
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